राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान, व्यय विभाग, वित्त मंत्रालय का एक अग्रणी विशेषज्ञ समूह होने के नाते केन्द्रीय एवं राज्य सरकार के संगठनों दोनों से विभिन्न परामर्श लेकर वर्तमान प्रथाओं का अद्वितीय पुनर्मूल्यांकन एवं परिष्करण कर योगदान देता है। सार्वजनिक वित्त, प्रापण प्रक्रियाएं, राजकोषीय संघवाद और प्रबंधन, राजस्व एवं कराधान नीतियाँ, सामान्य वित्तीय नियमावली, सरकारी लेखांकन, स्वायत्त संस्थानों में लेखांकन, वित्तीय लेखन मानक, सार्वजनिक नीति और अर्थशास्त्र, केन्द्रीय और राज्य वित्त में अपनी मुख्य योग्यता प्रदान करते हुए रा.वि.प्र.सं. केन्द्रीय एवं राज्य सरकार के संगठनों दोनों से निम्न क्षेत्रों में विभिन्न परामर्श एवं शोध कार्यों का दायित्व लेता है:
- सरकारी व्यय
- सार्वजनिक खरीद प्रक्रियाएं
- वित्तीय संघवाद और राजकोषीय प्रबंधन
- केन्द्रीय एवं राज्य वित्त
- राजस्व और कराधान नीतियाँ
- सामान्य वित्तीय नियमवाली
- सरकारी लेखांकन एवं स्वायत्त संस्थानों में लेखांकन
- वित्तीय लेखन मानक
- परियोजना प्रबंधन
- सार्वजनिक अर्थशास्त्र
- वित्तीय प्रबंधन
राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान के निरंतर शोध, नए विकासशील व्यवसाय मॉडल और सरकारी नीतियों एवं रणनीतियों में दो दशकों के अनुभव ने हमें अंत में गतिशील अनुकूलनीय परामर्शदाता बना दिया है।
निम्नलिखित ग्राहकों के लिए संचालित किए गए परामर्श कार्य:
- केन्द्रीय मालगोदाम निगम
- ग्रामीण विकास मंत्रालय
- राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास आयोग
- मध्य प्रदेश सरकार
- कृषि मंत्रालय
- भारत सरकार
- ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार
- राष्ट्रीय फ़ैशन प्रौद्योगिकी संस्थान, वस्त्र मंत्रालय
- दिल्ली विद्युत बोर्ड, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली सरकार
- जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय
- इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय
- किर्गिज गणराज्य सरकार
- अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग
- राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम
- जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय
- रक्षा सम्पदा महानिदेशालय
- असम विश्वविद्यालय, सिल्चर
- नागालैंड, विश्वविद्यालय, कोहिमा
- जल संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार
- नॉर्थ ईस्टर्न हिल विश्वविद्यालय, शिलान्ग
- वित्त मंत्रालय, वित्त आयोग
- जल एवं विद्युत परामर्श सेवाएँ लिमिटेड